रायपुर. छत्तीसगढ़ की पिछली भूपेश बघेल
सरकार के दौरान हुए घोटालों की जांच में तेजी आ गई है. केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय
(ईडी) के आवेदन पर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने अब मस्टम मिलिंग और डिस्ट्रिक्ट
मिनरल फंड (डीएमएफ) घोटाले में दो नई एफआईआर दर्ज की हैं। ईडी की रिपोर्ट के आधार
पर एसीबी-आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने दोनों मामलों में आईएएस रानू साहू समेत
कई आईएएस-आईपीएस के नाम दर्ज किए हैं.
एफआईआर में खनिज अधिकारियों, ठेकेदारों
और कई कंपनियों के मालिकों के नाम भी शामिल किए गए हैं. इससे पहले कोयला और शराब
घोटाले में कांग्रेस नेताओं और सरकारी अधिकारियों समेत 106 लोगों के खिलाफ
अपराध दर्ज किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछली
कांग्रेस सरकार के दौरान कोरबा जिले में बड़े पैमाने पर डीएमएफ के पैसे का
दुरुपयोग किया गया था. इस अनियमितता में तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू समेत कई
विभागीय अधिकारी भी शामिल पाए गए हैं।
शिकायत के मुताबिक कई टेंडरों में 40
फीसदी रकम सीधे अधिकारियों को दे दी गई है. इतना ही नहीं इन टेंडरों के लिए एक
निजी कंपनी को अलग-अलग दरों पर 15 से 20 फीसदी तक कमीशन
भी दिया गया है. इसी तरह राज्य के कई जिलों में डीएमएफ में भारी वित्तीय अनियमितता
से सरकार को नुकसान हुआ है.
कई गुना अधिक कीमत वाले बिल पारित किये
गये
रिपोर्ट के मुताबिक कोरबा की तत्कालीन
कलेक्टर रानू साहू समेत अधिकारियों ने टेंडर भरने वाले व्यक्ति से मिलीभगत की.
डीएमएफ के पैसे से होने वाले कार्यों के टेंडर आवंटन में बिल पास कराने के लिए
सामान की वास्तविक कीमत से कई गुना ज्यादा कीमत के बिल पास कर दिए गए।
जिन ठेकेदारों को इन अधिकारियों ने
फायदा पहुंचाया उनमें संजय शेंडे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश
कुमार अग्रवाल, ऋषभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी,
रवि
शर्मा, पीयूष सोनी, पीयूष साहू, अब्दुल, शेखर
के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया गया है.
कस्टम मिलिंग में ऐसे खेला गया खेल
प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार
पर यह पाया गया कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न चावल मिल मालिकों द्वारा कस्टम मिल्ड चावल
नागरिक आपूर्ति निगम और एफसीआई में जमा किया जाता है। इस प्रक्रिया में बड़े
पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गयी तथा
विभिन्न सरकारी अधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए चावल मिल मालिकों
से मिलीभगत कर लाभ प्राप्त किया गया तथा सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचायी गयी.
रोशन चंद्राकर द्वारा मार्कफेड के
प्रबंध संचालक मनोज सोनी के माध्यम से प्रीतिका पूजा को उन राइस मिलर्स के बिलों
का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था, जिनकी वसूली राशि रोशन चंद्राकर को
प्राप्त हुई थी। किन-किन राइस मिलर्स को भुगतान किया जाना है इसकी जानकारी संबंधित
जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन को मनोज सोनी के माध्यम से प्राप्त हुई। हाल ही में
आयकर विभाग द्वारा चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान 1.06 करोड़ रुपये की
नकदी जब्त की गई थी. राइस मिलर्स से करीब 140 करोड़ रुपये की
अवैध वसूली पाई गई है.
कस्टम मिलिंग में इनके खिलाफ केस
कस्टम मिलिंग का चावल राइस मिलर्स द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआई में जमा किया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य के लोक सेवक के पद पर रहते हुए मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी एवं तत्कालीन जिला विपणन अधिकारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा कोरबा द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर व्यापक भ्रष्टाचार एवं प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई थी। राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश रूंगटा, उपाध्यक्ष पारसमल चोपड़ा और कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची गई। सभी के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया है. |