उच्च वर्ग शिक्षक देवकुमार गुप्ता ने
अधिवक्ता अभिषेक पांडे और दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की
है। दायर याचिका में कहा गया है कि वह 1999 से अंबिकापुर के सेंट जेवियर्स हायर
सेकेंडरी स्कूल में उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर पदस्थ थे.
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक
शिक्षक की रिट याचिका को स्वीकार करते हुए दूसरा समयमान वेतनमान देने के निर्देश
दिए हैं। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की एकलपीठ में हुई.
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि यदि याचिकाकर्ता द्वारा बताई गई बातें सही हैं
तो विभाग को वर्ष 2019 से द्वितीय वेतनमान एवं समयमान एरियर सहित
भुगतान करना होगा।
बता दें, उच्च वर्ग
शिक्षक देवकुमार गुप्ता ने अधिवक्ता अभिषेक पांडे और दुर्गा महर के माध्यम से
हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. दायर याचिका में कहा गया है कि वे 1999 से
अंबिकापुर के सेंट जेवियर्स हायर सेकेंडरी स्कूल में उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर
पदस्थ थे. पदस्थापन के 10 वर्ष पूरे होने पर उन्हें इसी वर्ष
प्रथम समयमान वेतनमान दिया गया था. 2009. वर्ष 2019 में 20
वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद भी उन्हें द्वितीय समयमान वेतनमान नहीं दिया गया।
जारी सर्कुलर का जिक्र किया
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि
सामान्य प्रशासन विभाग रायपुर द्वारा समय-समय पर जारी परिपत्र के तहत कोई भी
शासकीय कर्मचारी 10 वर्ष की सेवा के बाद प्रथम समयमान वेतनमान,
20
वर्ष की सेवा के बाद द्वितीय समयमान वेतनमान प्राप्त कर सकता है। 30
वर्ष की सेवा के बाद तीसरा समयमान वेतनमान। समयमान वेतनमान हेतु पात्र है।
याचिकाकर्ता को 10 साल की सेवा पूरी करने पर पहला वेतनमान और
समयमान दिया गया था। लेकिन 20 वर्ष पूर्ण होने पर द्वितीय समयमान
वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
कलेक्टर ने याचिकाकर्ता के पक्ष में
आदेश दिया था
इस संबंध में 31 मार्च 2023
को
कलेक्टर सरगुजा ने याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश पारित कर उन्हें द्वितीय समयमान
वेतनमान का लाभ प्रदान करने का आदेश दिया है। इस मामले में संभागीय संयुक्त संचालक
सरगुजा एवं जिला शिक्षा अधिकारी अंबिकापुर जिला सरगुजा को निर्देशित किया गया है
कि याचिकाकर्ता को द्वितीय वेतनमान समयमान देने संबंधी अभ्यावेदन का निराकरण 60
दिवस
के भीतर करें। पात्र पाए जाने पर समयमान वेतनमान का लाभ एरियर सहित प्रदान करें।