छत्तीसगढ़ के शराब और कोयला घोटाले में
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो में दर्ज एफआईआर पर
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं हो रहा है.
जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के शराब और कोयला
घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो में दर्ज एफआईआर पर
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं हो रहा है. ईडी एक
स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी है और वह जांच कर रही है.
ध्वजारोहण करने जगदलपुर पहुंचे साय ने
नक्सल मुद्दे पर कहा कि केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार है. विकास के
साथ-साथ नक्सलवाद को खत्म करने के लिए काम किया जा रहा है. बुलडोजर कार्रवाई पर
उन्होंने कहा कि अवैध रूप से कब्जा किये लोगों को हटाना जरूरी है.
आपको बता दें कि ईडी ने शराब और कोयला
घोटाला मामले में रायपुर के एंटी करप्शन ब्यूरो में एफआईआर दर्ज की है. ईडी द्वारा
दर्ज मामले में शराब घोटाले में 35 और कोयला घोटाले में 71
आरोपी बनाये गये हैं. एफआईआर दर्ज होने के बाद राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया
है. कांग्रेस नेता बीजेपी शासनकाल में दर्ज हुई एफआईआर को बदनाम करने की साजिश बता
रहे हैं. इस पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल का भी बयान सामने आया है.
इधर, कोयला और शराब
घोटाले में ईडी द्वारा एसीबी में एफआईआर दर्ज करने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश
बघेल ने कहा कि ईडी और आईटी 3 साल से जांच कर रहे हैं. अब एसीबी को
एफआईआर दर्ज करने को कहा गया. जब ईडी और आईटी जांच कर रही थी तो न तो यूडी मिंज का
नाम था और न ही अमरजीत भगत का नाम था. आज अचानक एसीबी ने मामला दर्ज कर सभी नेताओं
के नाम लिख लिये.
उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के नेताओं
को बदनाम करने की साजिश कर रही है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि यूडी
मिंज की गलती यह थी कि उन्होंने विष्णुदेव साय के खिलाफ चुनाव लड़ा था.
मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर से एसीबी जांच का आदेश हुआ है. मुख्यमंत्री बहुत छोटी
सोच वाले व्यक्ति हैं. यह सब लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस नेताओं
को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।