रायपुर. रायपुर
मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया है. अब इस मामले की जांच शुरू हो गई
है. आपको बता दें कि 50 छात्राओं के सिर मुंडवाए गए और थप्पड़ भी मारे
गए. छात्राओं से सिर पर तेल लगाकर आने को कहा गया और उनकी फोटो भी मांगी गई. मामले
की शिकायत एनएमसी से की गई और सोशल मीडिया पर कई जिम्मेदार लोगों को टैग किया गया,
जिसके
बाद कॉलेज प्रबंधन सक्रिय हुआ. एंटी रैगिंग कमेटी ने द्वितीय वर्ष के दो छात्रों
को सस्पेंड कर दिया है. कॉलेजों में एंटी रैगिंग कमेटियां बनती हैं, लेकिन
उन्हें इसकी जानकारी तब हुई जब सोशल मीडिया पर मामले ने तूल पकड़ा.
पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में सीनियर छात्रों ने प्रथम वर्ष की जूनियर छात्राओं के साथ अमानवीय हरकत की और उनकी रैगिंग की. मामला दिवाली से पहले का स्कूली जूतों के अलावा उन्हें बैग टांगकर लाने को मजबूर किया गया। साथ ही कॉलेज आते-जाते समय और क्लास से निकलते समय सिर झुकाकर और कंधे पर बैग लटकाकर एक लाइन में चलने का निर्देश दिया गया। जिसके चलते अभ्यर्थी कॉलेज आते-जाते समय और कॉलेज में सिर झुकाकर चलते हैं। प्रथम वर्ष की छात्राओं को एक विशेष प्रकार का तेल लगाकर आने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्राओं के मोबाइल पर व्हाट्सएप पर उनके फोटो मांगे। छात्रावास में भी छेड़छाड़ और मारपीट की गई। जूनियर और सीनियर छात्रों का एक ग्रुप बनाया गया है। जिसमें सीनियर छात्र जूनियर छात्राओं को रैगिंग के निर्देश देते हैं। इसमें जूनियर छात्राओं के लिए ड्रेस कोड और सिर मुंडवाने को लेकर संदेश भेजा गया। एक जूनियर छात्र ने यह संदेश अपने अभिभावकों को भेजा। अभिभावकों ने स्थानीय स्तर पर शिकायत की। कॉलेज प्रशासन ने शिकायत पर ध्यान नहीं दिया तो प्रथम वर्ष की छात्राओं के परिजनों ने सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग नई दिल्ली को शिकायत की।
कई
लोगों ने सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को इस मामले को टैग किया। इसके
बाद 26 अक्टूबर को मामला कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी के पास पहुंचा। मिली
जानकारी के अनुसार दिल्ली की एंटी रैगिंग कमेटी ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को मेल
भेजकर इस मामले में कार्रवाई कर उन्हें सूचित करने को भी कहा है। मामला सामने आने
के बाद कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक में जांच के बाद पुष्टि हुई
कि द्वितीय वर्ष के छात्र अंशु जोशी और दीप राज वर्मा रैगिंग संबंधी गतिविधियों
में शामिल थे। इसके बाद दोनों छात्रों को 4 नवंबर से 10 दिनों के लिए
सभी कक्षाओं और क्लीनिकल पोस्टिंग से निष्कासित कर दिया गया है। कार्रवाई के बाद
भी सीनियर छात्रों के हौसले बुलंद हैं और वे जूनियर छात्रों को धमकाते हुए कह रहे
हैं कि असली रैगिंग 10 नवंबर के बाद ग्रुप में होगी। धमकी भरे मैसेज
लिखते हुए वे कह रहे हैं कि 60 साल से चली आ रही यह प्रथा तुम्हारी
पोस्टर शिकायत से नहीं रुकेगी। उन्होंने धमकी दी है कि अगर शिकायतकर्ता का नाम पता
चला तो एमबीबीएस कैसे पास होगा, देख लेंगे। लिखा है कि सिर्फ फोटो
मांगी गई थी और शिकायतकर्ता उतना मासूम नहीं है, जितना वह दिखावा
कर रहा है। फोटो मांगने जैसी छोटी सी बात पर शिकायत की जा रही है। यह सब सीनियर्स
मौज-मस्ती के लिए नहीं कर रहे हैं, उनके साथ जो हुआ, वही
कर रहे हैं और अगले साल आप लोग भी यही करेंगे।
इस मामले में
कॉलेज प्रबंधन ने निष्कासित किए गए दो छात्रों के अभिभावकों को बुलाया था। इनके
अलावा तीन और छात्रों के अभिभावकों को बुलाकर काउंसलिंग की गई। दिल्ली एंटी रैगिंग
कमेटी द्वारा शुक्रवार को दोबारा मेल भेजकर कार्रवाई की जानकारी मांगने के बाद आज
सोमवार को फिर कॉलेज प्रबंधन की बैठक होने जा रही है। इसमें 10 दिन
के निष्कासन के अलावा और भी सख्त कार्रवाई की संभावना है।