डॉ. राजेश सूर्यवंशी ने अधिवक्ता मतीन
सिद्दीकी और नरेंद्र मेहर के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि डॉ. राजेश सूर्यवंशी की नियुक्ति वर्ष 2011
में मेडिकल ऑफिसर के पद पर हुई थी. वर्ष 2016 से नेत्र रोग
विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत थे.
बिलासपुर. राज्य सरकार द्वारा संविदा
पद पर कार्यरत एक डॉक्टर को नोडल अधिकारी राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम
जिला धमतरी का अतिरिक्त प्रभार देने के खिलाफ दायर याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
की एकलपीठ में न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल ने सुनवाई की. कोर्ट ने स्वास्थ्य
सेवा निदेशक को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता के लंबित अभ्यावेदन का निराकरण करने का
निर्देश दिया है.
आपको बता दें, डॉ. राजेश
सूर्यवंशी ने वकील मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहर के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई
कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि डॉ. राजेश सूर्यवंशी की
नियुक्ति वर्ष 2011 में मेडिकल ऑफिसर के पद पर हुई थी. वर्ष 2016 से
नेत्र रोग विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत थे.
डॉ. जेके खालसा जिला चिकित्सालय धमतरी
में नेत्र विशेषज्ञ एवं राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी के पद
से 20 अप्रैल 2023 को सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के
बाद 9 मई 2023 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी,
जिला
धमतरी द्वारा प्रभार सौंपा गया। जिले में राष्ट्रीय अंधता एवं अल्प दृष्टि
नियंत्रण कार्यक्रम के सुचारू संचालन हेतु नोडल अधिकारी का कार्यभार आगामी आदेश तक
डॉ. राजेश सूर्यवंशी को दिया गया है।
6 अक्टूबर 2023 को छत्तीसगढ़
सिविल सेवा संविदा नियुक्ति नियम 2012 के तहत लोक स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण विभाग के अवर सचिव द्वारा सेवानिवृत्त नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. जेस खालसा को
उनकी नियुक्ति तिथि से एक वर्ष की अवधि के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ के पद पर
नियुक्त किया गया था। कार्यभार ग्रहण करना. पद पर संविदा नियुक्ति देते हुए उन्हें
जिला चिकित्सालय धमतरी में पदस्थ किया गया है तथा नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय
अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम, जिला धमतरी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा
गया है।
ठेके में नोडल चार्ज देना गलत है
हाईकोर्ट में एकल पीठ में सुनवाई के
दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता 2016 से नियमित रूप
से नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन अनुबंध पर
नियुक्त कर्मचारियों को नोडल का प्रभार देना पूरी तरह से गलत है. याचिकाकर्ता उस
पद पर पहले भी काम कर चुका है और छत्तीसगढ़ शासन के वित्त विभाग के निर्देशों के
तहत यह स्पष्ट कर दिया गया है कि कार्यालय प्रमुख और आहरण एवं संवितरण अधिकारी का
दायित्व किसी नियमित शासकीय अधिकारी को ही सौंपा जा सकता है। . निर्देश हैं कि
उक्त अधिकार संविदा तदर्थ दैनिक वेतन पर नियुक्त अधिकारियों को सौंपा जा सकता है।
हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सेवा निदेशक को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है.|