रायपुर. छत्तीसगढ़ में आज हुई कैबिनेट
बैठक में दो अहम फैसले लिए गए हैं. आज मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक
की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने की. इस कैबिनेट बैठक में राज्य के
दोनों उपमुख्यमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्री मौजूद रहे. इस कैबिनेट बैठक में दो
अहम फैसले लिए गए हैं. इसमें एक तो अयोध्या जाने का वादा है और दूसरा महाधिवक्ता
की नियुक्ति पर फैसला हो गया है.
कैबिनेट बैठक खत्म होने के बाद
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जानकारी दी और कहा कि राज्य में मोदी की गारंटी को पूरा
करने की प्रक्रिया चल रही है. हमने अयोध्या आने का वादा किया था, उस
पर भी फैसला हो गया है.' राज्य सरकार ने प्रदेश के लोगों को अयोध्या
ले जाने की योजना शुरू की है. इसकी जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को दी गयी है. इसके
लिए हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में श्री रामलला दर्शन समिति का गठन किया
जाएगा. प्रत्येक समिति द्वारा आनुपातिक कोटा के अनुसार लाभार्थियों का चयन किया
जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, हर
जिले से यात्रियों के साथ एक सक्षम सरकारी अधिकारी या एक छोटी टीम भेजी जाएगी.
दुर्ग-रायपुर, रायगढ़ और अंबिकापुर से यात्री ट्रेन से अपने
गंतव्य के लिए रवाना होंगे। जबकि दूसरे फैसले में राज्य के महाधिवक्ता प्रफुल्ल
भरत होंगे. प्रफुल्ल भरत छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। इससे
पहले भी प्रफुल्ल अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भारत की सेवा कर चुके हैं।
हर साल 20 हजार
तीर्थयात्रियों को अयोध्या ले जाया जाएगा
इस योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़
पर्यटन बोर्ड द्वारा एवं बजट पर्यटन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। इस योजना
के तहत हर साल करीब 20 हजार तीर्थयात्रियों को श्री रामलला के दर्शन
के लिए यात्रा करायी जायेगी. छत्तीसगढ़ के 18 से 75 वर्ष
आयु वर्ग के जो लोग जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण में सक्षम पाए
जाएंगे उन्हें यात्रा की पात्रता होगी। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए जहां तक संभव
हो उनके परिवार का एक सदस्य उनके साथ रहेगा। पहले चरण में यह सुविधा 55 वर्ष
से अधिक उम्र के यात्रियों को मिलेगी। इसके बाद अन्य आयु वर्ग के लोगों को भी यह
सुविधा दी जाएगी।