महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी
विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर, वैज्ञानिक एवं अन्य पदों पर भर्ती के
लिए पिछले वर्ष विज्ञापन जारी किये गये थे।
रायपुर. छत्तीसगढ़ के एकमात्र
उद्यानिकी विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती मामले में राजभवन ने
जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। भर्ती घोटाले के आरोपों की जांच के लिए राजभवन
सचिवालय ने 3 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है. इंदिरा
गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की अध्यक्षता में मामले की
जांच शुरू होगी.
इस जांच में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेवभाई शर्मा और पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बंश गोपाल सिंह को जांच दल का सदस्य बनाया गया है.
जांच टीम को 15 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया
है.
दरअसल, महात्मा गांधी
बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर, साइंटिस्ट समेत
अन्य पदों पर भर्ती के लिए पिछले साल विज्ञापन जारी किया गया था. इनमें से
असिस्टेंट प्रोफेसर के 36 पदों पर भर्ती निकाली गई, लेकिन
भर्ती प्रक्रिया में भारी धांधली के आरोपों के कारण पूरी परीक्षा विवादों में घिर
गई. यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आरएस कुरील पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है.
विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने
अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं को लेकर भी सवाल उठाए थे. बीजेपी सरकार बनने के बाद
पीएससी भर्ती परीक्षा की जांच पहले ही सीबीआई को सौंपी जा चुकी है. अब राजभवन से
दूसरी भर्ती परीक्षा की जांच का आदेश जारी किया गया है. राजभवन की ओर से पत्र
लिखकर जांच कमेटी को आवश्यक दस्तावेज और सहयोग उपलब्ध कराने को कहा गया है. जांच
समिति के अध्यक्ष डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि जल्द ही समिति अपना काम शुरू करेगी और
तय समय सीमा के भीतर सभी दस्तावेजों की जांच कर जांच रिपोर्ट राजभवन को सौंपेगी.