रायपुर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित
इलाके बीजापुर में जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में डीआरजी के दो जवान घायल
हो गए हैं. घायल जवानों को इलाज के लिए राजधानी रायपुर लाया गया है. मंगलवार को
गृह मंत्री विजय शर्मा ने घायल जवानों से मुलाकात की. घायल जवानों से मुलाकात के
बाद अस्पताल से बाहर आते ही शर्मा ने मीडिया से कहा कि, मैं परिजनों को अपना फोन नंबर देकर आया
हूं. अगर
उन्हें कोई असुविधा होती है तो वे सीधे मुझे फोन कर सकते हैं। शर्मा ने कहा कि
पिछले पांच वर्षों में नक्सलियों से कोई बातचीत नहीं हुई है और न ही कोई ठोस
कार्रवाई की गयी है.
लेकिन मैं आज भी कह रहा हूं कि हमारी सरकार से बातचीत के सभी रास्ते खुले हैं. उन्होंने कहा कि नक्सली भी हमारे राज्य के युवा हैं, उनसे बातचीत के लिए हमारे दरवाजे 24 घंटे खुले हैं. आप जिस तरह से चाहें बात कर सकते हैं, लेकिन आईईडी ब्लास्ट करना या गला काटना बंद करना चाहिए।' भाजपा सरकार में नक्सली गतिविधि बढ़ने का मतलब है कि नक्सलियों में दहशत है। उन्हें समझ आ गया है कि अब उनके साथ क्या होने वाला है.
बीजापुर जिले के मुड़वेदी में हुई
मुठभेड़ को लेकर नक्सलियों का आरोप है कि नए कैंप के निर्माण के तीसरे दिन जवानों
ने सड़क का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर फायरिंग की. इस फायरिंग में 3 महीने की मासूम बच्ची
सोढ़ी बामन की मौत हो गई और मां सोढ़ी
मासे गंभीर रूप से घायल हो गई। नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि गोलीबारी
में शामिल जवानों को सजा दी जायेगी.
दरअसल, सोमवार शाम करीब 5
बजे बीजापुर जिले के गंगालूर थाना अंतर्गत मुतवंडी के जंगलों में
पुलिस टीम और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई. जिसमें डीआरजी के दो जवान घायल हो
गए. चूंकि घटनास्थल के पास एक गांव था, इसलिए एक महिला अपनी नवजात बेटी के साथ वहां से गुजर रही थी. इसी दौरान
नक्सलियों द्वारा की गई फायरिंग में लड़की को गोली लग गई, जिससे लड़की की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि लड़की की मां के हाथ में गोली लगी.
इस घटना के बाद एएसपी बीजापुर तत्काल बल के साथ पीड़ित परिवार की मदद के लिए
पहुंचे. मौके पर पहुंच कर घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया.