जेल जाने के बाद आसिम का दोबारा बयान
दर्ज किया गया है. इसमें आसिम ने कहा है कि कुछ लोगों के दबाव में आकर उन्होंने
अपना पुराना बयान वापस ले लिया है.
रायपुर. ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े मनी
लॉन्ड्रिंग और हवाला मामले में लगातार सुनवाई चल रही है. इस मुद्दे पर हर दिन कोई
न कोई खबर चर्चा में रहती है. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में एक
पूरक शिकायत दाखिल की है. दावा किया गया है कि जेल जाने के बाद आसिम का दोबारा
बयान दर्ज किया गया है. इसमें आसिम ने कहा है कि कुछ लोगों के दबाव में आकर
उन्होंने अपना पुराना बयान वापस ले लिया है.
बयान में आसिम ने दावा किया है कि वकील
के साथ एक शख्स जेल में आया था. उन्होंने एक पत्र दिया और उसे देखकर लिखने को कहा.
मैंने इसे लिख लिया और इस पर हस्ताक्षर कर दिये। वह पत्र किसे और कहां दिया गया है?
इस
बारे में कोई जानकारी नहीं है. वह अपने पहले के बयान पर कायम है कि उसे दुबई से
रायपुर शुभम सोनी ने भेजा था। पूर्व सीएम बघेल जी को पैसे देने के लिए कहा गया.
उसने कई नेताओं को पैसे दिए हैं. उसके पास से जो पैसे बरामद किये गये हैं. वह
कांग्रेस नेताओं को देना था.
दरअसल, कांस्टेबल भीम
सिंह ने प्रदेश के कई नेताओं और अधिकारियों को सट्टे की रकम देने की बात कबूली है.
ईडी ने इसमें शुभम सोनी के अलावा दिल्ली के अकाउंटेंट रोहित गुलाटी और रायगढ़ के
कारोबारी अनिल अग्रवाल उर्फ अतुल को आरोपी बनाया है. सट्टे का हिसाब-किताब देखने
के बाद रोहित पैसे दुबई भेजता था। अनिल दुबई में शिफ्ट हो गए हैं.
ईडी का दावा- सरकार तक 508
करोड़ रुपये पहुंचाए गए
गौरतलब है कि ड्राइवर आसिम के बयान के
आधार पर ईडी ने प्रेस नोट जारी किया था कि उसके जरिये सरकार को 508 करोड़
रुपये ट्रांसफर किये गये हैं. जेल जाने के बाद आसिम ने फिर से ईडी निदेशक और कोर्ट
को पत्र लिखा कि उन्हें 508 करोड़ रुपये के बारे में कुछ भी नहीं
पता और उन्होंने ईडी को ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. जब वह जेल आये और अखबार पढ़ा
तो उन्हें पता चला कि ईडी ने उन पर झूठा आरोप लगाया है. उन्होंने किसी को पैसे
नहीं दिये हैं.