रायपुर. देश के
मशहूर ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप महादेव बुक की कोर कमेटी में शामिल नीतीश दीवान को
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है। नीतीश को विशेष अदालत में पेश
किया गया, जहां उन्हें 24 फरवरी तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया
गया है.
इससे पहले नीतीश
को पिछले साल 6 नवंबर 2023 को दिल्ली
एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ईडी ने पूछताछ के बाद उन्हें
रिहा कर दिया था. अधिवक्ता सौरभ पांडे ने कहा कि महादेव बैटिंग ऐप मामले में ईडी
पूछताछ करेगी और मामले से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटाएगी.
आपको बता दें कि
नीतीश दीवान वही शख्स हैं जिन्होंने आईफा अवॉर्ड्स में फिल्म इंडस्ट्री की बड़ी
हस्तियों को अवॉर्ड्स दिए थे. नीतीश और उनके भाई महादेव बुक के प्रमोटर सौरभ
चंद्राकर के काफी करीबी हैं. सौरभ चंद्राकर की कोर कमेटी के सदस्य भी हैं. दोनों
भाई दीवान पैनल का संचालन भी करते हैं। आपको बता दें कि इस मामले में फंसे
कारोबारी अनिल दम्मानी एक दिन पहले ही जेल से बाहर आए हैं. हाई कोर्ट ने उन्हें
मेडिकल आधार पर 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है.
आपको बता दें कि
भिलाई के वैशाली नगर निवासी नीतीश दीवान ने दुबई में महादेव ऐप के संचालक सौरभ
चंद्राकर को ज्वाइन किया था. जानकारी के मुताबिक, नितीश महादेव ने
ऐप की कमाई का हिसाब-किताब देखना शुरू किया. इसके बाद सौरभ चंद्राकर ने उसे अपने
काले कारोबार की कोर कमेटी का सदस्य बना लिया. इस तरह महादेव बैटिंग ऐप बड़ी
भूमिका निभाने लगा. उन्होंने सौरभ चंद्राकर के भाई गीतेश चंद्राकर के साथ मिलकर
फिल्म में पैसा लगाना भी शुरू कर दिया.
जब ईडी ने
महादेव बुक पर मनी लॉन्ड्रिंग की कार्यवाही शुरू की तो नीतीश का नाम सामने आया.
ईडी ने जब भिलाई में इसकी जांच की तो पता चला कि नीतीश भी सौरभ चंद्राकर के
करीबियों में से एक है. ईडी ने नीतीश के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया
था.
ईडी के मुताबिक,
महादेव
ऑनलाइन बुक के कॉल सेंटर नेपाल, श्रीलंका, यूएई में हैं।
ये सभी किताब से हर दिन करीब 200 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं.
आपको बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब तक 417
करोड़
रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है.