कवर्धा. 21
जनवरी को जिले के लालपुर गांव में साधराम यादव हत्याकांड में गिरफ्तार 6
आरोपियों के खिलाफ यूएपीए एक्ट की धारा 16 जोड़ी गई है, जो छत्तीसगढ़
में गैर नक्सली मामलों के बाद पहली बार किसी आरोपी के खिलाफ जोड़ी गई है. घटना से
कुछ समय पहले दो आरोपी अयाज खान और इदरीश खान कश्मीर गए थे और उनके आतंकी संगठनों
से जुड़े होने का पता चला है.
एसपी डॉ. अभिषेक
पल्लव ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल और लैपटॉप से कई साक्ष्य मिले हैं. इसलिए
आईएसआईएस पैटर्न पर गला रेतकर हत्या की गई. एसपी ने यह भी कहा कि इस कानून के तहत
आरोपी के लिए न्यूनतम सजा मौत की सजा या आजीवन कारावास है.
हत्या की मुख्य वजह
आज यह भी साफ हो गई कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का
उद्घाटन होना था. उससे ठीक एक दिन पहले हिंदू समुदाय में दहशत फैलाने के लिए इस
घटना को अंजाम दिया गया था. पुलिस के मुताबिक, अब इस मामले को
एनआईए जांच एजेंसी अपने हाथ में ले सकती है.
बता दें कि 21
जनवरी को साधराम यादव की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद यह मामला तेजी से
गरमा गया है और कई अलग-अलग हिंदू संगठन और समाज आरोपियों को मौत की सजा देने की
मांग कर रहे हैं.
क्या है यूएपीए
कानून ?
यूएपीए की धारा 15
आतंकवादी गतिविधि को परिभाषित करती है। इस कानून के तहत कम से कम 5
साल और अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है. अगर किसी आतंकवादी घटना में किसी की
जान चली जाती है तो दोषी व्यक्ति के लिए मौत की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान
है।
यदि कोई व्यक्ति
आतंकवाद फैलाने के उद्देश्य से देश की अखंडता, एकता, सुरक्षा
और संप्रभुता को नष्ट करने की कोशिश करता है या देश में या देश के बाहर भारतीयों
के साथ आतंकवादी घटना को अंजाम देने की कोशिश करता है, तो वह यूएपीए के
दायरे में आएगा। कानून। आ जाएगा।