भिलाई - श्री
शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई के फार्मेसी संकाय के
प्राध्यापकों के लिए संकाय विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें
अच्छी शिक्षण शैली के गुर सिखाये गये। जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के आंतरिक
गुणवत्ता सेल के समन्वयक डॉ. स्वर्णलि दास रॉय ने बताया कि इस कार्यशाला के मुख्य
वक्ता डॉ. वीके मौर्य राजकीय फार्मेसी कॉलेज, औरंगाबाद के
वैज्ञानिक थे। उन्होंने फार्मेसी के क्षेत्र में 35 वर्षों तक शोध
और अध्यापन कार्य किया है। कार्यशाला में डॉ. मौर्य ने प्राध्यापकों को रोचक शैली
में शिक्षण कौशल एवं उसके विभिन्न प्रकारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि
विद्यार्थियों के साथ आपका व्यवहारिक लगाव और रिश्ता शिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाता है। उन्होंने शिक्षण में नवाचार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विषय वस्तु के
बेहतर प्रस्तुतीकरण के लिए सूचनाओं को सदैव अद्यतन रखना होगा।
विश्वविद्यालय
के कुलपति डॉ. ए.के. इस मौके पर झा ने कहा कि इस कार्यशाला से खासकर नये शिक्षकों
को लाभ होगा. वक्ता की विषय वस्तु की प्रस्तुति की शैली शिक्षण कार्य को प्रभावित
करती है। अनुभव के साथ इसमें सुधार होता है। है। कार्यशाला में प्रोफेसरों ने
प्रश्नों के माध्यम से विभिन्न जानकारियां प्राप्त कीं। अंत में समन्वयक डॉ.
स्वर्णाली दास रॉय ने आभार व्यक्त करते हुए कार्यशाला की उपयोगिता की सराहना की।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध फार्मेसी प्रोफेसर उपस्थित थे।