बिलासपुर.
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से पारंपरिक कारीगरों को अपना कौशल
दिखाने का अवसर दिया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से जिले के पारंपरिक कारीगरों
को भी प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें व्यापार से संबंधित उपकरण और आवश्यक
सामग्री भी प्रदान की जाएगी। इस योजना को लेकर कारीगरों में उत्साह है. वहीं युवा
भी इस योजना में आवेदन कर अपने कौशल को निखारने के लिए आगे आ रहे हैं.
आपको बता दें कि
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से जिले में पारंपरिक कारीगरों को
सम्मानित किया जा रहा है. इस योजना की शुरुआत साल 2023 में विश्वकर्मा
जयंती के दिन की गई थी। इस योजना के अंतर्गत बढ़ई, लोहार, दर्जी,
कुम्हार
जैसे विभिन्न पारंपरिक कार्य करने वाले कारीगरों को बढ़ावा देने और अवसर प्रदान
करने के लिए कार्य किया जा रहा है। जिले में अब तक 1200 आवेदन स्वीकृत
किये गये हैं.
18 प्रकार के
पारंपरिक कारीगरों के लिए योजना
प्रधानमंत्री
विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत 18 प्रकार के पारंपरिक कार्य अथवा
पारंपरिक कारीगरों को प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है। इसमें लोहार,
कुम्हार,
नाई,
दर्जी,
धोबी,
मोची,
मछुआरा
आदि कुल 18 प्रकार के पारंपरिक श्रमिकों को लाभ मिलेगा।
योजना के लाभ
इस योजना के लिए
18 वर्ष से अधिक उम्र के कारीगर और श्रमिक आवेदन कर सकते हैं। श्रमिकों
को हर महीने 500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. श्रमिकों को
1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा.
15,000
रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. श्रमिकों को सर्टिफिकेट ट्रेनिंग
सर्टिफिकेट और आईडी भी दी जाएगी. इसके अलावा इस योजना के तहत मार्केटिंग सहायता भी
प्रदान की जाएगी।
आप ऐसे कर सकते
हैं आवेदन
इस योजना का लाभ
उठाने के लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आप किसी भी च्वाइस सेंटर से आवेदन कर
सकते हैं। इसके लिए उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए. आवेदन के लिए आधार
कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता नंबर, जाति प्रमाण
पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर, निवास प्रमाण
पत्र और ईमेल आईडी की जरूरत होगी.
जिले में 15
हजार आवेदन
जिला व्यापार
एवं उद्योग केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत अब तक 15
हजार
से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से 4 हजार आवेदन
स्वीकृत कर राज्य सरकार को भेज दिये गये हैं. कुल 1200 आवेदन स्वीकृत
किये गये हैं.