छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी इकाई के
प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी और प्रदेश सचिव विशाल केलकर, जो कोरबा से
चुनाव उम्मीदवार थे, ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
रायपुर. छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी इकाई
से बड़ी खबर सामने आ रही है. आम आदमी पार्टी के लिए यह बड़ा झटका है. छत्तीसगढ़ आम
आदमी पार्टी इकाई के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी और प्रदेश सचिव विशाल केलकर,
जो
कोरबा से चुनाव उम्मीदवार थे, ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
दोनों नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. आपको बता दें
कि दोनों नेताओं का पार्टी के विस्तार में बड़ा योगदान था.
इस बार दोनों पार्टियों के उम्मीदवार
थे लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे चुके
प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने पार्टी नेतृत्व पर जोरदार हमला बोला है. हुपेंडी
और इस्तीफा दे चुके प्रदेश उपाध्यक्ष ने संयुक्त रूप से आरोप लगाया है कि केजरीवाल
की आम आदमी पार्टी कांग्रेस से मिली हुई है और उनकी बी टीम है. वह कभी कांग्रेस के
खिलाफ चुनाव नहीं लड़ते.
उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान,
मध्य
प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में भी यही हुआ. झूठे सपने दिखाकर कार्यकर्ताओं
को खड़ा करते हैं। और फिर चुनाव के समय जनता और कार्यकर्ताओं को धोखा देते हैं.
पूर्व अधिकारियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने लू में इंजेक्शन लेकर प्रचार किया.
लेकिन चुनाव के दौरान उन्होंने भारत गठबंधन से समझौता कर सबको धोखा दिया. इससे आहत
होकर हमने इस्तीफा दिया है.
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के
छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के सबसे बड़े आदिवासी चेहरे कोमल हुपेंडी ने
पार्टी को अलविदा कह दिया है. उनके साथ प्रदेश उपाध्यक्ष आनंद मिरी और प्रदेश सचिव
एवं कोरबा क्षेत्र के दिग्गज सामाजिक कार्यकर्ता विशाल केलकर ने भी आम आदमी पार्टी
से नाता तोड़ लिया है. इस तरह पार्टी के पूरे शीर्ष नेतृत्व ने आम आदमी की राज्य
इकाई को बड़ा झटका दिया है.
कोमल हुपेंडी के नेतृत्व में आम आदमी
पार्टी ने राज्य की ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. खुद कोमल हुपेंडी
को 2018 के विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था. वह कांग्रेस
और बीजेपी के बाद तीसरे स्थान पर रहे. 2023 में पार्टी ने
भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट से विधायक कोमल हुपेंडी को फिर से टिकट दिया लेकिन
यहां भी हार गईं। पार्टी की नाकामी इतनी रही कि एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत
सका.