धमकी भरा पत्र लिखने वाले आरोपी को कुलपति ने किया माफ, लेकिन पुलिस ने किया गिरफ्तार, पढ़ें पूरी खबर

 


 

एक बैठक के दौरान कुलपति ने आरोपी की पहचान होने पर उसे माफ करने की बात कही थी, लेकिन कुलपति के अनुरोध के बावजूद कोनी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. धारा 506 और 507 के तहत भी अपराध दर्ज किया गया है.

 

बिलासपुर: पंडित सुंदर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति को धमकी भरा पत्र लिखने वाला आरोपी पकड़ा गया। गिरफ्तार आरोपी यूनिवर्सिटी में नौकर के पद पर कार्यरत है. उन्होंने पत्र में कुलपति डॉ वंश गोपाल सिंह और उनके बेटे को जान से मारने की धमकी दी थी. इसकी शिकायत कुलपति ने कोनी थाने में की थी। एक बैठक के दौरान कुलपति ने आरोपी की पहचान होने पर उसे माफ करने की बात कही थी, लेकिन कुलपति के अनुरोध के बावजूद कोनी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. धारा 506 और 507 के तहत भी अपराध दर्ज किया गया है.

 

आपको बता दें कि 19 दिसंबर को पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. वंश गोपाल सिंह को धमकी भरा पत्र मिला था. जिसमें उन्हें और उनके बेटे को जान से मारने की धमकी दी गई थी. जिसकी शिकायत कोनी थाने में की गई। कोनी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार किसी अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी नाम-पते से धमकी भरा पत्र भेजा है। पत्र में वेतन न बढ़ाने, नई भर्ती पर रोक लगाने समेत कई आरोप लगाए गए हैं और अपशब्द कहे गए हैं। जांच के बाद आरोपी को पकड़ लिया गया. आरोपी का नाम संतोष कुमार पांडे है. जो 18 साल से यूनिवर्सिटी में काम कर रहे हैं.

 

हैंडराइटिंग से पकड़ा गया आरोपी

जांच के दौरान पुलिस ने यूनिवर्सिटी में पिछले एक साल से काम कर रहे कर्मचारियों के कागजात की जांच की. जिसमें अवकाश आवेदन व अन्य प्रतियों की जांच की गई। जिसमें लिखावट के आधार पर आरोपी की पहचान संतोष कुमार पांडे के रूप में हुई और उसे पकड़ लिया गया. जिसके बाद आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की गई. आवेदन पत्र में उसकी लिखावट का मिलान हो गया।

 

मानदेय पर करता था काम, नियमित नहीं होने से था दुखी

कड़ाई से पूछताछ करने पर संतोष कुमार ने बताया कि वह पिछले 18 वर्षों से मानदेय पर काम कर रहा है. छह माह पहले जब सभी का वेतन बढ़ाया गया और नियमित किया गया, तो मुझे नियमित नहीं किया गया. उस दौरान कुलपति से मिलने की बात चल रही थी. इसके बाद ही उसने गुस्से में आकर धमकी भरा पत्र लिखा।

 

 

जब आरोपी की पहचान की गई तो वह माफी मांगने लगा.

जानकारी के मुताबिक, जब कुलपति ने कहा कि 150 कर्मचारियों के बीच आरोपी की पहचान कर ली गयी है, तो संतोष कुमार डर गये और कुलपति के पैर पकड़कर माफी मांगने लगे. कुलपति ने बड़ा दिल दिखाया और उसे माफ कर दिया. इसी बीच पुलिस को सूचना मिली तो वह यूनिवर्सिटी पहुंची और आरोपी को पकड़ लिया.




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